संस्कार
ब्रिज उमराव जन्म प्रक्रिया से शूदक हो, संस्कार से होता पावन। प्रेम प्यार स्नेह समर्पण, अन्तर्मन होता उत्प्लावन।। संस्कार से सेवित...
संस्कार
ज़िंदगी अरमान बनके गुनगुनाई
एक पेड़ हमने लगाया
मोबाइल पर मुन्ना
My Lovely Son
अंतिम ऊँचाई
महंगाई की मार
परिंदे की दास्तां
नगाड़ों में तूती-नाद
मंगल कामनाएँ
मेरा कवि मेरा कमाल
यादों और सौगातों में नीम
मेरा कवि मेरा कमाल
सच की राह
नगाड़ों में तूती-नाद
शीत ऋतु
क़दम मिला कर चलना होगा
लक्ष्य
एक परिंदे का खत, मेरे नाम।
दूध में दरार पड़ गई