दिल की आवाज
मनीष कुमार ‘शुक्ल' बादल गरजे बिजली चमकी, अब केवल बरसात है बाकी। मेरे हिस्से सुबह नहीं है, एक यही बस रात है बाकी। एकटक तुझ को देख रही थी,...
दिल की आवाज
खुदगर्ज़
इश्क
शिकवा
बस यूँ ही
मेरी अभिलाषा
भीगी रातें
मलाल
मेरे ख्वाबों की गलियों में
पिया के देश जाना है
इस नदी की धार में...