Rachnakunj .Nov 1, 20223 min readअवीर गुलाल की होलीचंपक वन में होली मनाने की तैयारी में सभी जानवर जी जान से जुटे हुए थे। क्या छोटा क्या बड़ा सभी जानवर अपनी-अपनी खरीदारी में लगे हुए थे। चंपक...
Rachnakunj .Oct 29, 20224 min readग्रहण (Part 2)लगभग बारह वर्ष पूर्व का वह दिन मेरी आँखों के सामने जीवंत हो उठा। मैं क्लीनिक में मरीज देख रही थी। एक दंपत्ति अपनी तेरह-चौदह साल की बेटी...
Rachnakunj .Oct 29, 20223 min readग्रहण (Part 1)कल से मेरे पैर धरती पर नहीं पड़ रहे हैं। रात उत्तेजना के मारे नींद नहीं आई। इस पल की कितनी प्रतीक्षा थी मुझे। रात जब खाने के बाद ऋतिक मेरे...