मायका
रमेश कुमार संतोष करवाचौथ को एक दिन ही बचा है। उस का ध्यान बार-बार भैया और भाभी की तरफ जा रहा है। मन होता है, फ़ोन करूँ। परन्तु करती नहीं...
मायका
एक बार तो सोचती
फर्ज
बहू की बंदिशे
नया मकान
आत्मघाती कदम
संस्कारी बहू
आवरण
लाख का शेर
रेशमा का घर
आदर
तारीफ़
निर्णय...
मर्द
आत्मनिर्भर
सासु माँ का सबक
पते ठिकाने
सौदामिनी
अनहोनी...
अच्छाई की जीत