निःशब्द
रमा शंकर शर्मा "आज कैसी तबीयत है?" मां ने रोज की तरह सुबह उठते ही मेरा हाल चाल जानने के लिए फोन लगाया। कई दिन से मेरी तबीयत खराब चल रही...
निःशब्द
कांच का टुकड़ा
खुद्दार
मनहूस
कला का अभिमान
रिश्ता नहीं सौदा
प्रतिस्पर्धा की राह
सफर
शराब की पार्टी
जीवन का एहसास
सोने का कंगन
मायका
आत्महत्या
एक बार तो सोचती
फर्ज
बहू की बंदिशे
नया मकान
क्या ये ही जिंदगी है?
आत्मघाती कदम
संस्कारी बहू