निश्चिन्ती
निरंजन धुलेकर इनकी शुरू से एक आदत है। सोते समय या तो मेरा हाथ पकड़ लेंगे या मेरे गाल पर हाथ रख कर सोएंगे, कुछ नही तो साड़ी का पल्लू ही हाथ...
निश्चिन्ती
कलेजे का टुकड़ा
सच की राह
नगाड़ों में तूती-नाद
कलयुग
असली सेवा
अंतिम प्रथम!
किसान की चतुराई
स्पर्श
भला कौन?
आधा गांव
संयम का महत्व
हाय ये झटका
सबसे कीमती चीज
मेरा बटुआ
सबक
तराजू
चुटकी भर झूठ
रंगविहीन
मेरी मां
हलवे का कटोरा
रौनक
भाग्य
इंकलाब लिखता हूँ।