काजू का पेड़
धर्मेंद्र दयाल सिन्हा तवियत कुछ खराब रहने के कारण मैं कार्यालय से अवकाश लिया था। अपनी दोनों बेटियों 15 वर्षीय दिशा एवं 8 वर्षीय आस्था को...
काजू का पेड़
गरीब का बेटा
ईश्वर के करम
अपनी बेटी
एक परिंदे का खत, मेरे नाम।
आत्मबोध
ये रहे कागज़
क्रोध
गोदान
दूध में दरार पड़ गई
निर्णय
फल वाली बुढ़िया
आपके लिए
अपने तो अपने होते हैं…
जग का मेला
ज़िन्दगी ख़ूबसूरत है।
लाल चूड़ियाँ
औलाद वाले
अल्बर्ट का ढाबा
मेरा गाँव
बहू का घर
स्वार्थी राजा
स्वर्ग या नर्क
आओ फिर से दिया जलाएँ