एक जैसे दु:ख
महेश कुमार केशरी बाहर की गर्मी और तपिस देखकर ही लोगों के पसीने छूट रहे थें। पारा पैंतालिस के पार चल रहा था। पशु-पक्षी, चिड़ियाँ-चुग्गे...
एक जैसे दु:ख
अंतिम मुलाकात
तमाशा
अश्लीलता
कौन तार से बीनी चदरिया
संबंध सुहाना है
जिंदगी जहां ले जाए
पत्थर का दर्द
FALL OF A FEATHER
कम्बल
मिठाई के लिए
एक कहानी, अपनी भी
आत्ममंथन
मोची का लालच
मेरी पसंदीदा अभिनेत्री मीना कुमारी महजबीं
खूनी झील
मौन
लबों की मुस्कुराहट
आम लडकी
मुक्तिमार्ग की खोज में
कद
जाने-अनजाने
आईना
NATURE AND ITS ELEMENTS