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कमाई

अनुज सिंह

एक बुढ़िया एक दिन हाथ में एक रुपया लेकर सेठ की दुकान पर गयी और काफी देर तक आते जाते ग्राहकों को देखती रही, जब सेठ की नजर उस बुढ़िया पर पड़ी तो उसने पूछा तुम क्या देख रही हो?
बुढ़िया बोली सेठ जी तुम कितना कमा लेते हो?
सेठ ने चश्मा ऊपर करते हुए उसे पूरी तरह निहारा और विश्वास जम जाने पर कहा साल में दुगने हो जाते हैं, पर तुम यह क्यों पूछ रही हो ?
बुढ़िया बोली सेठ जी मैं बहुत गरीब हूँ, जैसे-तैसे कर यह एक रुपया बचाकर लायी हूँ, सोच रही हूँ, कि यदि आप इसे अपने व्यापार में लगा लो तो मेरा भी कुछ भला हो जाए। सेठ को दया आ गयी, उसने अपने मुनीम को बोला इस बुढ़िया का एक रुपया बही खाते में जमा कर लो।
बुढ़िया बहुत खुश हुई और जाते-जाते बोली सेठ जी मैं 25 साल बाद आऊँगी और अपनी अमानत लाभ सहित आपसे ले लूँगी। सेठ ने भी कहा ठीक है। बात आयी गयी हो गयी।
25 साल बाद बुढ़िया सेठ से अपने रुपए वापिस लेने आई, सेठ जी ने मुनीम को बोला कि इसे 10 रूपये दे दो। बुढ़िया बोली नहीं सेठ जी, जो मेरा हिसाब हो सो दे दो। सेठ ने बात को ख़त्म करने के अंदाज मे कहा मुनीम जी इसे 100 रूपये देकर छुट्टी करो। लेकिन बुढ़िया इस बार भी बोली कि नहीं सेठ जी, जो मेरा हिसाब बना हो सो दो।
हारकर सेठ ने मुनीम को हिसाब लगाने को कहा।
हिसाब लगाने के बाद मुनीम का सिर चकराया और उसने सेठ जी के कान में कुछ कहा, सुनकर सेठ के होश फाख्ता हो गए।
अब आप सभी के लिए यह प्रश्न है, कि मुनीम ने कितने रूपये का हिसाब बताया?
जी हां यदि प्रतिवर्ष पैसे को दोगुना कर दिया जाए तो 25 वर्ष में यह एक रुपया बढ़कर 3,35,54,432/- रूपये हो जाएगा। इसे कहते हैं बुजुर्गों का ज्ञान।

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