top of page

बंधन

सम्पदा ठाकुर

मैं बांध नहीं रही तुम्हें किसी बंधन में
ना करवा रही तुमसे कोई करार
बेफिक्र रहो तुम हो आजाद
पर मुझे मत रोको यार
जिस बंधन में बंध चुकी हूं मैं
नहीं हो सकती उससे आजाद
मैं नहीं कहती तुमसे
तुम हर पल करो मुझसे बात
पर जब मेरा दिल करे तब
सुना दिया करो अपनी आवाज
बस एक झलक दिखला दिया करो
जब करना चाहे दिल तेरा दीदार
मुझे पता है मेरी खुशी के लिए
मेरा दिल रखने के लिए
कर लेते हो मुझसे बात
मगर कहीं ना कहीं
मेरे दिल में है एक आस
खुद पर और मुझे मेरे रब पर
हमको है पूरा विश्वास
एक ना एक दिन तुम भी
इस बंधन को मानोगे यार
तुम भी करोगे हमसे प्यार
जिस तरह मैं हर पल
महसूस करती हूं तुमको
तुमको भी होगा मेरा एहसास
बस उस पल का है इंतजार।
*******
0 views0 comments

Recent Posts

See All

Commenti


bottom of page