आचार्य जहान
भ्रम का भ्रम ही रहना भला है।
कुछ न होने से कुछ होना भला है।
भ्रम टूटा तो टूटेगी और सरहदें
बिखर जाएंगे तेरे सपने
दूर हो जाएंगे तेरे अपने
भ्रम सच और झूठ के बीच का क्रम
इसीलिए तो भ्रम है।
हर फूल में खुशबू न तलाशना ही भला है।
उसकी मुस्कान दूर से देखना क्या बुरा है।
रिश्तों में साफ चेहरे मत ढूंढना जहान
बिगड़ते बनते चेहरे को देखना ही भला है।
धुंधला आयना रखना भी क्या बुरा है।
भ्रम का भ्रम ही रहना भला है।
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