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आत्महत्या

पूनम


जो छोड़कर जा रहा हो,
उसे खुशी से जाने दो,
रोकना ना कभी,
हो सकता है ऊपर वाले ने,
तुम्हारे लिए,
कुछ और बेहतर सोच रखा हो।

आदतें जो लगी हुईं हैं,
चाहे वो कोई काम,
या फिर कोई इंसान,
वो छूट भी सकती हैं।
जब भी हो मन अशांत,
गहरी सांसे लेते हुए,
बोलो, नम: शिवाय।

आत्महत्या कोई विकल्प नहीं,
शिव की शरण लेते हुए,
फिर से उठो,
फिर एक नई कहानी लिखो,
फिर एक नया इतिहास बनाओ,
जीवन बहुत सुंदर है,
इसे खत्म करने की न सोचो,
वो भी उनके लिए,
जिन्हें तुम्हारी कोई परवाह नहीं।

भूल कैसे सकते हो,
मां बाप का सबसे सच्चा प्यार,
जिन्होंने तुम्हें आकार दिया।
भगवान के दर्शन को साकार किया।
प्रेम धरा के कण–कण में है।
आंखे खोलकर देखो तो सही।
बंद हुए त्रिनेत्र को जागृत करो तो सही।
जो छोड़कर जा.......

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