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आम लडकी

विनीता गौतम

मैं आम लडकियों जैसी नहीं हूँ,
नहीं हूँ मैं गुड गर्ल
पढी लिखी हूँ उडना चाहती हूँ
अपने सपनों को पूरा करना चाहती हूँ,
इसलिए अपने हक के लिए लड भी सकती हूँ,
क्योंकि मैं आम लडकी जैसी नही हूँ।
जुल्म नहीं सहूगी,
खामोश भी नहीं रहूगी,
तर्क वितर्क भी करूंगी,
क्यूंकि मैं आम लडकियों जैसी नहीं हूँ।
कोई भी राह चलता छेड जाये,
पीछे से कोई सीटी मारे या
कोई जुमला कस जाये,
ऐसे मनचलों को बेइज्जत भी करूगी,
क्योंकि मैं आम......... ।
अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीना है ,
जो मन में आये वो करना है
नहीं बनना है गुड गर्ल
क्योंकि मैं आम लडकियों के जैसे नही हूँ।
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