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किसके साथ

गोपेंद्र कुमार सिन्हा गौतम

सोनेलाल शाह द्वारा ग्रामीणों को पूरे सावन देवधर जाने के लिए मुफ्त में बस उपलब्ध करवाने पर भगेडन पांडे ने बधाई देते हुए कहा शाह जी आप बड़े नेकदिल इंसान हैं जरा गांव की नाली साफ करवा देते तो ग्रामवासियों को नाली से उठ रही बदबू और उससे बीमारी फैलने के डर से मुक्ति मिलती।
आप तो जानते ही हैं पिछले वर्ष बीमारी फैलने से ग्रामवासियों में किस तरह दहशत व्याप्त हो गई थी। वह तो शुक्र मनाइए डॉ. आर एस यादव का जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर ग्रामवासियों की जान बचाई थी। फिर भी मंगल राजवंशी की जोरू का निधन हो गया था।
जिसपर सोनेलाल शाह ने कहा 'गांव की सारी समस्याओं का जिम्मा क्या मेरे ऊपर है यह काम मेरा नहीं सरकार है, जाकर उनसे फरियाद कीजिए।'
भगेड़न पांडे निराश हताश डॉ. आर एस यादव के पास पहुंचे और उनसे आग्रह किया कि इस वर्ष भी गांव में महामारी न फैल जाए इसके लिए गांव की नालियों में दवा का छिड़काव करवा दिया जाए। डॉक्टर ने उनकी बात सुनते ही अपने कंपाउंडर को निर्देश दिया कि कल हर हाल में गांव के प्रत्येक नालियों में दवा का छिड़काव सुनिश्चित किया जाए'। लेकिन डॉ यादव ने उन्हें सचेत करते हुए कहा दवा का छिड़काव तो हो जाएगा लेकिन यह अस्थाई व्यवस्था है, स्थाई निराकरण के लिए हर हाल में नाली की नियमित सफाई करवानी होगी।
डॉक्टर से आश्वासन मिलने के बाद भगेड़न पांडे गांव में लौटे और सीधे गांव के 'फूले टोला' में जाकर लोगों से कहा, जहां के लोग ही पिछले साल ज्यादा प्रभावित हुए थे, 'अगर इस वर्ष भी गांव की नाली साफ नहीं हुई तो फिर से 'महामारी' फैल सकती है।'
'पुरुषोत्तम राज' जो उस टोले का सबसे पढ़ा लिखा नौजवान था उसने भगड़ेन पांडे की बात सुनते ही उन्हें आश्वस्त किया कि हम आपके साथ हैं। हमें हर हाल में गांव की नाली की सफाई करनी होगी। आप इसके लिए कल एक आम सभा बी पी मंडल लाइब्रेरी में बुलाईये। हम लोग वहीं विचार करेंगे, किस तरह से इस समस्या का समाधान होगा।
उसी दिन संध्या को समूचे गांव में डुगडुगी पीटवा दी गई कि गांव में नाली सफाई के मुद्दे पर आगामी रविवार को 'बी पी मंडल लाइब्रेरी' में दोपहर 1:00 बजे से एक आम सभा आयोजित की गई है। सभा में शहर के मशहूर डॉक्टर 'आर एस यादव' भी पधार रहे हैं जिन्होंने पिछले वर्ष गांव के कई लोगों की जान बचाई थी।
रविवार को सुबह से ही लाइब्रेरी के आसपास लोग इकट्ठा होने लगे और लाइब्रेरी परिसर की साफ-सफाई भी कर दी गई। क्योंकि बरसात के शुरुआत में हुई बारिश से लाइब्रेरी परिसर के कुछ हिस्से में घास फूंस उग आए थे।
12:00 बजे तक पूरी लाइब्रेरी ग्राम वासियों से अंट चुकी थी।
निर्धारित समय से कुछ पहले ही डॉ यादव भी पहुंच गए। ग्रामवासियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। जिसका नेतृत्व छेदी महतो, पुकार राम, वीरेंद्र भगत, सियामनी राजभर, कुलवंती पटेल, सोनी चौधरी, विमलेश्वरी यादव आदि ग्रामवासियों ने किया। जबकि सभा के लिए व्यवस्था भगेड़न पांडे, मनोहर कुमार, पुरूषोत्तम राज, जिया कुजूर एवं मोना यादव संभाल रहे थे।
"डाक्टर यादव' ने सर्वप्रथम मंगल राजवंशी से मिलकर हाल-चाल जाना जिसकी जोरू पिछले वर्ष महामारी से काल कवलित हो गई थी। उधर बैठक की कार्रवाई शुरू हो गई। जिसकी अध्यक्षता गांव के सबसे वयोवृद्ध देव नारायण यादव को सौंपी गई। जो एक अवकाश प्राप्त कृषि परामर्शी एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं। साथ ही ग्रामवासियों के सुख-दुख में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहते हैं। एक-एक कर ग्रामवासियों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
'भगेड़न पांडे' ने सोनेलाल शाह और डाक्टर यादव' से हुई बात भी ग्रामवासियों के बीच रखी और उनसे कहा कि अब आप ही लोग अपना निर्णय दिजिए हमें किसके द्वारा तय किए गए रास्ते पर चलने की जरूरत है?
ग्रामवासियों ने समवेत स्वर में कहा हमें 'डॉ यादव' द्वारा बताए गए रास्ते पर चलना चाहिए। जब हम बचेंगे तब तो कहीं की यात्रा करेंगे। हम सभी ग्रामीण कल सुबह से ही अपने-अपने घर के सामने नाली की सफाई करेंगे और उसे निकले कचरे को सड़क के किनारे गड्ढे में दबा देंगे जिसका उपयोग बाद में खेती के कार्यों में किया जाएगा।
डॉ यादव ने अपने हाथ में माइक थामते हुए ग्रामवासियों को धन्यवाद दिया और उन्हें साफ सफाई के महत्व के बारे में समझाया। डॉक्टर यादव ने 'भगेड़न पांडे' के प्रयास को सराहा और ग्रामवासियों से कहा– ‘अगर गांव में एक भी जागरूक नागरिक होगा तो उस गांव का कोई इंसान क्या प्रकृति भी बाल बांका नहीं कर सकती।’
सभी लोगों ने एक सुर में जयकारा लगाते हुए कहा सबसे पहले 'साफ-सफाई' ताकि किसी को खरीदना नहीं पड़े 'दवाई'। जिएंगे तो 'यात्रा' गंदगी रही तो 'खतरा'।
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