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जग में जीना

यूं ही हुआ नहीं आना है,
निभना है कुछ निभाना है!

तेरी मेरी को कहते नहीं जिंदगी,
प्रेम पर प्रीत की परत चढ़ाना है!

प्रगति के पथ पर चलना है,
कष्टों दुष्टों से बचना है!

पल पल ऐसा जीना हो
हर पल हर दिन का गहना हो !

जब तक भी जग में जीना हो,
बहे प्रेम प्रीत की सरिताएं,
अपनों के लिए पसीना हो,
सबके लिए जीना हो!

जीवन श्रम हो, सत्कर्म हो जीवन,
प्रेम भावना है जीवन

जीवन पल-पल साधना,
जीवन क्षण क्षण की साधना!

दुखियों के दुख पीना
जब तक भी जग में जीना हो!

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