top of page

नेक प्रयास

रूप किशोर श्रीवास्तव

बात पुराने समय की है जब राजा, महाराजा और साहूकार होते थे। एक शहर में सेठ गिरधारीमल नाम का साहूकार था। ईश्वर की कृपा से उनके दो पुत्र थे अमन और नमन। अमन बड़ा था और पढ़ाई लिखाई में तेज एवं बुद्धिमान था। बुद्धिमान होने के कारण उनको नियम कानून एवं दुनियादारी का जितना ज्ञान था उतना ही वो डरता भी था। दूसरी ओर नमन मस्त रहता और दिमाग से ज्यादा दिल पसंद काम करता था। करोड़पति होने के कारण धन की कोई कमी नहीं थी। सेठ जी ने अपने पुत्रों के लिए इतना कर दिया था कि कई पुश्तों तक आराम से जीवन यापन कर सकते थे। वानप्रस्थ अवस्था आने पर सेठ ने अपनी सारी दौलत हीरे जवाहरात दोनों बच्चों को सौंप तीर्थ स्थान पर चले गए।
अमन बुद्धि का तेज था तो सोचने लगा कि इतना धन है, इसको संभालना सबसे आवश्यक है। उन्होने सारे धन को एक स्थान पर एकत्र कर लिया। फिर कारीगर बुलाकर एक बड़ी सी तिजोरी बनवाई। अपने खाने-पीने भर का थोड़ा सा धन निकाल शेष तिजोरी में रख दिया। तिजोरी की बात धीरे-धीरे सारे शहर में फैल गई और लोगों ने सोचा कि यह तिजोरी किस लिए बना रहा है।
दूसरी ओर नमन ने दौलत मिलते ही अपनी और अपने परिवार की सभी जरूरतों को पूरा करते हुए धन का पूरी तरह उपयोग किया। काफी पैसा होने के कारण उसने शहर में कुछ फल एवं छाया देने वाले पेड़ लगवाए। गरीब बीमारों की मुफ्त चिकित्सा के लिए चिकित्सालय बनवाए। गरीब बच्चों की मुफ्त शिक्षा के लिए विद्यालय बनवाए। इसी बीच पेड़ों में आए फलों की बिक्री से जो धन मिला उसको भी नमन ने इसी कार्य में लगाया। अब यह सब जैसे उसका एक शौक हो गया। कुछ लोगों ने भी अपना सहयोग दिया। मुफ्त खाना देने के लिए भोजनालय भी बनवाये और घर विहीन लोगों के लिए शेल्टर होम भी खोले। इन सब कार्यों से नमन पूरी प्रजा के दिल स्नेही व परम प्रिय हो गया। हर व्यक्ति सदैव नमन के ही गुणगान करता था।
दूसरी ओर अमन ने सारा धन तिजोरी में रख तो दिया परंतु उसकी सुरक्षा को लेकर उनको चिंता सताने लगी। उन्होने तिजोरी की सुरक्षा के लिए दो सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिये। अब तो लोगों को पूरा विश्वास हो गया कि अमन के पास बहुत दौलत है। सबकी निगाहें उसकी दौलत पर लगने लगी। अमन सुरक्षा गार्डों पर भी अधिक दिनों तक भरोसा नहीं कर सका एवं उनको हटाकर खुद ही तिजोरी की सुरक्षा में लग गया। अब तो सभी को पूरा निश्चय हो गया कि अमन के पास बहुत दौलत है। एक रात जब अमन तिजोरी की सुरक्षा करते करते निद्रा अवस्था में हो गया तो मौका पाकर कुछ लोगों ने उनकी तिजोरी खाली कर दी। अमन अपनी सारी धन दौलत गँवा बैठे।
इसी बीच उस शहर के राजा जो वानप्रस्थ अवस्था में थे, उनके शरीर छोड़ने का समय आया तो संतान विहीन होने के कारण उन्होंने किसी जनप्रिय व्यक्ति को राजा बनाने का निर्णय लिया। उस समय सबसे ज्यादा लोकप्रिय और जनप्रिय नमन पाये गए और उन्हें ही उस शहर का राजा घोषित कर दिया गया।
कहानी का अभिप्राय है कि यदि आपके पास आवश्यकता से अधिक धन है तो उसको अपनी व अपने परिवार की सभी इच्छाओं को पूरा करने में उसका उपभोग करें, भविष्य के लिए सुरक्षित करें। उसके बाद नेक कार्यों में प्रयोग करते हुए सभी की दुआएं प्राप्त करें। क्योंकि प्रत्येक कार्य जब हमारे प्रयासों के बाद भी पूर्ण नहीं होता तो दुआएं ही अंत में काम आती हैं।

*****

0 views0 comments

Recent Posts

See All

コメント


bottom of page