लक्ष्मी
रश्मि की शादी को अभी सात महीने ही हुए थे। बात तो अच्छे से होती है पतिदेव से पर प्यार होगा या नहीं ये कहना अब भी मुश्किल है।
ठीक ठाक ही व्यवहार है या यूं कहें कि भले आदमी हैं।
शादी के पहले दो बार प्यार हुआ था रश्मि को पर दोनों लड़कों से कुछ ख़ास नहीं चल सका रिश्ता और पुरुषों के बारे में उसकी राय बहुत सकारात्मक तो नहीं ही है। इस बात के लिए वो बिलकुल क्लीयर है कि प्यार नहीं हुआ है उसे मोहन से अभी भी।
सुबह का समय है। सासू मां बैठकर योगा कर रही हैं और ससुर जी अपने पसंदीदा 'आर जे' कि आवाज़ और उसके द्वारा सुनाये जा रहे गाने का लुत्फ़ उठा रहे हैं। मोहन आँफिस के लिए तैयार हो चुके हैं और दाल रोटी सब्जी तीनों तैयार हैं। बस खाकर निकलेंगे। उनके जाने के बाद ही रश्मि सास ससुर को खाना देती है।
सासू मां वैसे तो हर चीज़ में बहुत अच्छी हैं पर खाना बनाने में कोई चूक बरदाशत नही करती और क्यूंकि रश्मि अच्छा खाना बनाती है तो उनकी खूब बनती भी है।
रश्मि ने खाना लगा दिया है और मोहन बड़े चाव से खा रहे हैं। सासू मां ने पूछा खाना कैसा है तो हाँथ, आँख और मुँह तीनों से कह दिया "लाजवाब"।
सासू मां खुश और और रश्मि ने भी चैन की सांस ली।
खाना खाकर अब मोहन अपनी टाई लेने गए और बोले "रश्मि टाई कहाँ है... ढूँढ़कर दो।"
वो कमरे मे पहुंची तो देखा टाई मोहन के हाथ में ही है और वह मुस्कुरा रहे हैं। रश्मि समझ गयी मोहन उसे छेड़ रहे हैं। मुड़कर जाने लगी तो उसकी कलाई पकड़कर झटके से ऐसे खींचा अपनी तरफ कि उनके सीने से टकरा गई और तुरंत मोहन का वो हाथ जिससे उसे खींचा था वो रश्मि की कमर पे था। अपना चेहरा उसके चेहरे के बिलकुल करीब ला दिया और रश्मि ने अपना चेहरा घुमा लिया मोहन ने उसके कान के पास आकर कहा "जानेमन दाल में, नमक डालना भूल गई हो", इतना कहके उसकी कमर से हाथ हटा लिया और मुस्कुराने लगा।
वो तुरंत भागी ताकि सास ससुर को खाना देने से पहले ऊपर से ही नमक डाल दे। इतने में मोहन नीचे उतर चुके थे, पर रश्मि को अफ़सोस होने लगा कि मुझे सासू मां की डाँट से बचाने के लिए मोहन बिना नमक की दाल ही खा गए। आज तक तो उसने फिल्मों में आसपास हर मर्द को दाल में नमक ना होने पर गुस्सा करते ही देखा था। उसे ऐसा ही तो जीवनसाथी चाहिए था, जो छोटी बात और छोटी गलती को छोटा ही रहने दे फिजूल में बड़ा बनाकर सबका मूड ना ख़राब करे।
उसे मोहन पे प्यार आने लगा या यूं कहें प्यार होने लगा। वो झट से बालकनी में गयी कि बाय कर दे, पर मारे प्यार में फ्लाइंग किस दे बैठी मोहन ने भी किस को कैच करके जेब में रख लिया।
और गाड़ी स्टार्ट करके चला गया।
ये सारी हरकते पड़ोसन त्रिपाठी आंटी देख रही थी, और जैसे ही रश्मि कि नज़र उनपे पड़ी वह थम्सअप का इशारा करके हँसने लगीं।
वो शर्मा कर अंदर भाग आई। ससुर जी के रेडियो में गाना बज रहा था।
"आजा पिया तोहे प्यार दूँ....... गोरी बइयां तोपे वार दूँ" ......"
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