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मन का मीत

प्रियांशी बरनवाल


मीत आए सदा, तुम बहारे लिए।
प्यार के खूबसूरत नजारे लिए।।

आईना बन सुबह शाम देखा जिन्हें।
मस्त हूँ मानकर भाग्य रेखा जिन्हें।
प्रेम माला सजी है तुम्हारे लिए।
प्यार के खूबसूरत नजारे लिए।।

मीत आए सदा, तुम बहारे लिए।
प्यार के खूबसूरत नजारे लिए।।

प्यार का एक नगमा सुनाती रहूँ।
देखकर आपको मुस्कुराती रहूँ।
राह में हम भटकते सितारें लिए।
प्यार के खूबसूरत नजारे लिए।।

मीत आए सदा, तुम बहारे लिए।
प्यार के खूबसूरत नजारे लिए।।

मैंने जबसे तुम्हारा सजदा किया।
उस घड़ी ही तुझे ये दिल दे दिया।
चार नयनों के हमने इशारे लिए।
प्यार के खूबसूरत नजारे लिए।।

मीत आए सदा, तुम बहारे लिए।
प्यार के खूबसूरत नजारे लिए।।

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