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मानसिक रूप से सबल बने

आम धारणा कि विपुल धन-संपत्ति एकत्रित करने से मनुष्य मानसिक रूप से संतुष्ट रहता है। वह खुद को शारीरिक रूप से भी मजबूत बनाए रखने में समर्थ महसूस करता है। परंतु यह विचारधारा तर्कसंगत नहीं है। इसीलिए बेहतर यही होगा कि हम शुरुआत से ही धन संपत्ति एकत्रित करने के स्थान पर मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाने की आदत विकसित करें। क्योंकि मानसिक विकास हमें हर परिस्थिति में संतुलित रखने में सहायक साबित हो सकता हैं। अतः जीवन में मन और शरीर को जितना बेहतर बनाया जा सके उतना बेहतर बनाया जाना अनिवार्य हैं। हम मानसिक रूप से जितना ज्यादा सकारात्मक होंगे सफलता हासिल करने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी। सामान्यतः रुपए कमाने की होड़ में मनुष्य बुनियादी आवश्यकताओं की अनदेखी कर देता है। परिणामस्वरूप ज्यादातर मामलों में न रुपए मिलते है और न ही मानसिक शांति।
धन की अपेक्षा मानसिक रूप से सबल होना ज्यादा महत्वपूर्ण है। मानसिक सबलता हमें सही दिशा में लगातार प्रयास करते रहने की शक्ति प्रदान करती हैं। हालांकि, हम सब मन और बुद्धि से पूरी तरह से किसी भी परिस्थिति को सहन करने में सक्षम होते है, परंतु इन क्षमताओं का भान हमें उम्र के उस पड़ाव में होता है जहां चाह कर भी हम खुद को बेहतर नहीं बना सकते। जीवन निर्वाह के लिए रुपए कमाना अनिवार्य रूप से आवश्यक हैं परन्तु केवल रुपए कमाने के लिए हम अपने मौलिक गुणों को अनदेखा कर दें ऐसा करना बिल्कुल भी समझदारी नहीं होगी।
मनुष्य के लिए एक साथ सभी गुणों को विकसित करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसलिए इन गुणों को अपनाने के लिए हमें कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। मुश्किल काम को छोटे-छोटे टुकड़े में बांट कर करना आसान हो जाता है। नियमित रूप से खुद में थोड़ा-थोड़ा सुधार बड़ा बदलाव ला सकता है। सही दिशा में की गई मेहनत हमेशा फायदा देती है इस बात को समझने की आवश्यकता है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए हमेशा उत्साह, जोश और उमंग से भरपूर लोगों की संगत होना बहुत जरूरी है। इसके अलावा जो लोग हमारे उत्साह को कम करते है, हमें कभी भी आगे बढ़ने की सलाह या सुझाव नहीं देते हैं उनसे जितना हो सके उतना दूर दूर रहना चाहिए। हमें खुद भी शुरुआत से ही आरामदायक चीजों की अपेक्षा मेहनत और संघर्ष करने के विकल्प का चयन करना चाहिए। सही दिशा में की गई मेहनत हमेशा फायदा देती है इस बात को समझने की आवश्यकता है। वास्तव में हमारे अंदर इतनी बुद्धि और विवेक है कि हम जो कुछ भी हासिल करना चाहे वो हासिल कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए हमें निरंतर अभ्यास द्वारा खुद को सबल और सक्षम बनाना होगा। खुद में आत्मविश्वास जगाकर हम अपनी महत्वकांक्षाओं को पूरा कर सकते हैं।
यदि शारीरिक बल नहीं है तो संभावना है कि वह आलस्य हो जो हमारी मानसिक ताकत को प्रभावित करता हो। इसके लिए हमें उन लोगों की जीवनियां पढनी चाहिए जिनसे हमारे व्यक्तित्व को बल मिले और हमारा मानसिक विकास होता रहे। महान लोगों के जीवन से प्रेरणा लेकर, खुद में आत्मविश्वास जगाकर हम अपनी महत्वकांक्षाओं को पूरा कर सकते हैं।
आमतौर पर हम अपनी कामयाबी की संभावनाओं का अनुमान बहुत कम लगाते हैं। इसके अलावा जीवन में धन प्राप्ति की इच्छा में परेशान, हताश रहते हैं। ज्यादातर मौकों पर हम खुद को प्रेरित करने और बदलने की कोशिश भी नहीं करते हैं। आत्मविश्लेषण द्वारा हम इन बातों को समझ सकते हैं। इस प्रकार के प्रयास से हम अपने भीतर ऐसी आदतों को विकसित कर सकते हैं जो हमें महानता की श्रेणी में शामिल कर सकती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य हमारे आचरण और दूसरों के साथ किए गए बर्ताव पर निर्भर करता है। जितना हम दूसरों से की गई उम्मीदों से खुद को मुक्त रखेंगे उतना हम मानसिक रूप से मजबूत बनते जाएंगे। हमें अपने व्यक्तित्व को इस प्रकार निखारना चाहिए कि वो हमें महानता की श्रेणी में शामिल कर सके। प्रकृति ने हमें पूरी तरह से सक्षम बनाया है। अब मेहनत करना हमारे अपने हाथ में होता है। और इसमें हमें अपनी तरफ से कोई कम या ज्यादा का छोटा रास्ता नहीं ढूंढना चाहिए। हमें सिर्फ मेहनत करनी है वो भी पूरे मन से इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं है। सच मानिए मन से स्वस्थ व्यक्ति ही सबके प्रति सम्मान और आदर की भावना रख सकता है।
मानसिक रूप से सशक्त होना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बल पर इंसान भले ही धन दौलत न कमा सकें लेकिन एक संतुलित जीवन जरूर व्यतीत कर सकता हैं। और इसके लिए हमें उचित समय का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है। यह मानकर चलना चाहिए कि सफलता के लिए सबसे उपयुक्त समय यही है। इसके साथ ही, मन से स्वस्थ व्यक्ति सबके प्रति सम्मान और आदर की भावना भी रखता है। क्योंकि एक सबल इंसान में यह सब स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होने लगता है। वैसे भी जीवन की खुबसूरती दूसरों को सम्मान देने में ही निहित है। वास्तव में सामाजिक सहयोग और सद्भावना के बिना जीवन में कुछ भी हासिल करना लगभग मुश्किल है। अपने परिवार, दोस्तों और सहयोगियों को धन्यवाद देना अनिवार्य रूप से आवश्यक हैं। मन की एकाग्रता और सतर्कता के लिए हमें खुद ही प्रयास करना होगा।
कहावत भी है कि
“मन के हारे हार है मन के जीते जीत”
इंसान के जीवन में कुछ और भले ही ना हो लेकिन मानसिक मजबूती होना बहुत जरूरी है। धन हमें जीवन में सुख-सुविधाएं उपलब्ध करा सकता हैं परन्तु मन की एकाग्रता और सतर्कता के लिए हमें खुद ही प्रयास करना होगा। इसके लिए हमें धन का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है। यदि वाकई हमारे अंदर कुछ शानदार करने की इच्छा है तो हमें वे सब कार्य करने की आवश्यकता है जिनको एक सामान्य व्यक्ति व्यर्थ समझता है। हमारा कोई भी दिन ऐसा न जाए कि जब हम कुछ बेहतर न सीखें। चूंकि वह दिन हमारे जीवन में वापिस नहीं आ सकता। हमें ऐसे लोगों से दूर रहना होगा जो हमेशा दूसरों का समय बर्बाद करते हैं। इसके अतिरिक्त आज के काम को आज़ ही करने की कोशिश जरूर करें।

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