सविता पाटील
पलों से पल में…
बह रही है ज़िन्दगी,
हर पल कुछ हो नया,
कह रही है ज़िन्दगी!
तेरा होना न होना…
कुछ तो फर्क करे,
अखबारों में नहीं,
पर अपनी बातों में…
कोई तेरा जिक्र करे!
किसी की यादों का…
ऐसा हिस्सा बने,
माथे पर शिकन नहीं,
होठों पर मुस्कान बने!!
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