है प्रेम से जग प्यारा, सुंदर है सुहाना है
जिस ओर नज़र जाए, बस प्रेम-तराना है
बादल का सागर से, सागर का धरती से
धरती का अंबर से, संबंध सुहाना है
तारों का चंदा से, चंदा का सूरज से
सूरज का किरणों से, संबंध सुहाना है
सखियों का राधा से, राधा का मोहन से
मोहन का मुरली से, संबंध सुहाना है
पेड़ों का पत्तों से, पत्तों का फूलों से
फूलों का खुशबू से, संबंध सुहाना है
जन-जन में प्रेम झलके, हर मन में प्रेम छलके
मन का इस छलकन से, संबंध सुहाना है।
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