top of page

ईश्वर की अनुकंपा से ही व्यक्ति में संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, काव्य, नाटक, कहानी, कथा साहित्य आदि विधाओं के प्रति रुझान बनता है और रुचि के अनुरूप व्यक्ति उसमें रच बस जाता है। उसमें लेखन व उसकी प्रस्तुति का भाव उसे एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व के रूप में इंगित करता है, पहचान दिलाता है और प्रयास करते करते वह इस कदर चर्चा में आता है कि समाज में उस व्यक्ति के प्रति आदर, सम्मान, स्नेह का सहज ही भाव बन जाता है। जिसका वह पात्र बन जाता है स्थापित हो जाता है।

 

"एक जहान ऐसा भी" डॉ. जहान सिंह का प्रथम काव्य संग्रह है। आपकी कविता की इस पुस्तक में प्राकृतिक सौंदर्य, रिश्तो की मिठास तथा बेजुबान दर्द लिए हुए मुक्त छंद कागज पर अंकित कर दिए गए है। आपने इन रचनाओं को किसी रचना धर्मी मित्र को नया दिखलाया, ना संशोधन की आवश्यकता समझी। वह इसलिए भी कि आप के काव्य मन की अभी तक जो जैसी भी अभिव्यक्ति है, सनद रहे। एक विशेष बात अवश्य अवगत कराना चाहता हूं कि आप साहित्य के विद्यार्थी नहीं रहे। आप रसायन विज्ञान के विद्यार्थी रहे। आपका अध्यापन क्षेत्र रसायन विज्ञान रहा। यह सच है कि ड्राइंग, पेंटिंग का भी शौक था। कविता का भाव आप में बाद में जागा। आपका यह काव्य संग्रह जिस तरह प्रकृति की बगिया में तरह-तरह के रंग-बिरंगे पुष्प होते हैं उसी प्रकार की विभिन्न रचनाओं से भरा पड़ा है। प्रस्तुत काव्य संग्रह में है आपकी 81 कविताएं संग्रहित की गई है।

एक जहान ऐसा भी

₹150.00Price
    bottom of page